सुनीता विलियम्स की वापसी पर एलन मस्क का बड़ा दिया बयान: स्पेस एक्स ने पहले भी ऐसे मिशन का सफलता पूर्वक लांच किया है।

डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया के सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी किसी तकनीकी कारण से नहीं बल्कि बाइडन प्रशासन ने जानबूझकर रोक रखा था। डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि बाइडन नहीं चाहते थे कि यह मिशन सुर्खियों में आए इसलिए ही बाइडन ने इस वापसी मिशन में देरी का प्लान किया था।नासा ने खुद इस दावे को खारिज किया और बताया कि इस मिशन में तकनीकी कारण से ही देरी हुई है, न कि किसी राजनीतिक कारण से।
अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी में देरी की कारण
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को नासा के बोइंग स्टार लाइनर ग्रुप के साथ फ्लाइट टेस्ट सीएफटी मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंची। यह मिशन केवल 8 दिनों तक ही चलना था, लेकिन कुछ तकनीकी खराबी के कारण वापसी का डेट लगातार बदलता रहा। बताया गया कि हीलियम लीक और थ्रस्टर फेल होने के कारण सुनीता और विलमोर अभी तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में ही फंसे हुए हैं।
यह मिशन नासा के बोइंग का एक परीक्षण उड़ान था। इसका मुख्य उद्देश्य स्टार लाइनर कैप्सूल का परीक्षण करना तथा इसके कार्यक्षमता के बारे में जानना था।
स्पेस एक्स का सुनीता विलियम की वापसी का मिशन

जब काफी प्रयास के बाद भी बोरिंग स्टार लाइनर की समस्या ठीक नहीं हुई, तो बैकअप प्लान के तौर पर नासा ने स्पेस एक्स से सुनीता विलियम और बुच विलमोर को मार्च 2025 के अंत तक सुरक्षित वापस लाने का प्लान तैयार किया। एलन मास्क ने बताया कि उन्होंने पहले भी ऐसे मिशन को सफलतापूर्वक किया हुआ है। उनकी टीम केवल 4 हफ्तों में ही इस मिशन को पूरा कर लेगी। अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्पेस एक्स के अनुभव को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सभी यात्रियों को स्पेस एक्स सुरक्षित वापस ले आएगी।
सुनीता विलियम्स की प्रारंभिक जीवन यात्रा व अंतरिक्ष के क्षेत्र में योगदान व उपलब्धियां

सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका के ओहायो शहर में 19 सितंबर 1965 को हुआ था। उनके पिता दीपक पाण्डेय का संबंध मूलतः भारत के गुजरात राज्य और माता बोनी पांडेय मूलतः स्लोवेनियाई देश से थी। सुनीता विलियम्स स्नातक की पढ़ाई यूनाइटेड यूनाइटेड स्टेट्स नेवल अकादमी से किया बाद में उन्होंने मास्टर्स की डिग्री भी हासिल किया।
सुनीता विलियम्स द्वारा पहला अंतरिक्ष मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए 2006 में सफलतापूर्वक किया गया। वहां वह 195 दिनों अपना समय बिताया। उन्होंने सबसे ज्यादा कुल सात बार स्पेस वॉक करके एक रिकॉर्ड बनाया है, जो अभी तक कायम है। उनके नाम स्पेस में सबसे ज्यादा समय बिताने स्पेस वॉक करने का रिकॉर्ड भी दर्ज था लेकिन अब स्पेस (अंतरिक्ष) में सबसे ज्यादा समय बिताने का रिकॉर्ड कोनोनेंको (रूस) 879 दिन के नाम है।
सुनीता विलियम्स अपने स्पेस वॉक स्किल रोबोटिक्स व वैज्ञानिक रिसर्च के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने दोबारा 2012 में अंतरिक्ष स्टेशन इस के लिए सफल उड़ान भारी और वहां पर दोबारा 127 दिन वैज्ञानिक अनुसंधान कर वापस आई।
5 जून 2024 का मिशन सुनीता का तीसरा मिशन था जो केवल 8 दिन का होने वाला था।
सुनीता विलियम्स का योगदान और भविष्य
- यह 2024 का मिशन उनका तीसरा अंतरिक्ष मिशन था।
- उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में रहते हुए विज्ञान और रोबोटिक्स अनुसंधान की हैं।
- उनकी इस उड़ान और अनुसंधान से भविष्य में चंद्रमा और मंगल मिशन के लिए नई तकनीकों के परीक्षण में मदद मिलेगी।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्पेस एक्स का अनुभव
हम पहले भी अंतरिक्ष यात्रियों को कई बार सुरक्षित वापस ला चुके हैं। स्पेस एक्स के पास ऐसे मिशन के लिए काफी अनुभव है।और हम सबको सुरक्षित वापस ला सकते हैं, लेकिन बाइडन सरकार से हमें अनुमति ही नहीं मिली।
नासा ने बाद में यह जानकारी दिया कि यह पूरी तरह तकनीकी समस्या के कारण हुआ है ना कि किसी सरकार की साजिश की वजह से। जल्द ही स्पेस एक्स अपने मिशन के माध्यम से सबको सुरक्षित वापस लाएगी।
स्पेसएक्स की भूमिका:
1. स्पेसएक्स वापसी मिशन के लिए क्रू ड्रैगन का उपयोग किया जाएगा।
2. एलन मस्क ने बताया कि वह अपने टीम के साथ 4 हफ्तों में मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं।
3. ऐसा पहली किया जा रहा जब एक स्पेसक्राफ्ट दूसरे स्पेसक्राफ्ट की असफल होने के बाद बैकअप मिशन के रूप में इस्तेमाल होगा।
सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष क्षेत्र में अनुभव व महत्वपूर्ण बिंदुओं अनुसंधान, अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान वर्तमान और भविष्य में महिलाओं के लिए आगे बढ़ने प्रेरणा का काम करेगा। उनका संघर्ष यह दर्शाता है, कि महिला भी किसी से कम नहीं है और भविष्य की संभावनाओं में अपने पूरा योगदान दे सकती हैं। आज भारतवासियों को भी उनके किए गए कार्यों व उपलब्धियों उसके लिए गर्व की अनुभूति कराता है। उनके जल्द वापस लिए भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कामना कर रहा है।