हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मस्क की मुलाकात के बाद भारत में टेस्ला ने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।

टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के प्रोफाइल पर सोमवार को 13 पदों के आवेदन के लिए विज्ञापन जारी कर दिया, जिसमें कुछ मुख्य पद जैसे कस्टमर सपोर्ट, बैकएंड जॉब्स, डिलीवरी ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट, सर्विस टेक्निशियन और कई सारे अन्य तकनीक विशेषज्ञ पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सबसे बड़ी परेशानी चार्जिंग स्टेशन की होती है। भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए, कम्पनी ने बताया कि भारत में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर विचार कर रही है।
दूसरी परेशानी भारतीय मार्केट में अधिक कीमतों पर इलेक्ट्रिक वाहनों का मिलना है इसके लिए भी टेस्ला भारतीय ग्राहकों के लिए बजट में अपना नया मॉडल पेश कर सकती है।
इनोवेशन और इतिहास
टेस्ला की स्थापना 2003 में मार्क टार्पेनिंग एवरहार्ड ने की थी। लेकिन इस कम्पनी को वैश्विक स्तर पर पहचान एलन मस्क के कम्पनी में निवेश करने तथा CEO बनने के बाद ही मिली। इसने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार 2008 में “रोस्टर नाम” से लॉन्च किया उसके बाद क्रमशः 2012, 2015 और 2017 में मॉडल एस, मॉडल एक्स, और मॉडल 3 नाम से तीन अन्य इलेक्ट्रिक गाड़ियां पेश की अब यह कम्पनी इलेक्ट्रिक लक्जरी गाड़ियां बनाने के लिए तथा सोलर एनर्जी और बैटरी के क्षेत्र में अपनी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पूरे विश्व में अग्रणी बना हुआ है।

टेस्ला का EV क्षेत्र योगदान
टेस्ला ने समय-समय पर अपने नए इलेक्ट्रिक कार मॉडल्स को लाकर इलेक्ट्रिक क्षेत्र को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। कम्पनी की कुछ महत्वपूर्ण गाड़ियां..
- 2008 मैं टेस्ला ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक रोस्टर लॉन्च किया।
- 2012 में टेस्ला ने अपनी अगली कार मॉडल नाम से लॉन्च किया जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया।
- 2015 में मॉडल एक्स बाजार में लॉन्च किया गया जो एक इलेक्ट्रिक SUV है।
- 2017 में एक और गाड़ी इलेक्ट्रिक मॉडल 3 नाम से लांच की गई। यह कम खर्चे में अधिक दूरी तक सफर करने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ी थी।
- 2020 में टेस्ला ने मॉडल Y लॉन्च किया जो एक लक्जरी इलेक्ट्रिक कार थी। इसके साथ है ही यह कम्पनी दुनिया की सबसे अधिक संपत्ति वाली ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई।
2023 में टेस्ला ने साइबर ट्रक लॉन्च किया जो ऑफरोड़िंग करने वालों द्वारा काफी पसंद की जा रही है। कम्पनी भविष्य के लिये आधुनिक टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, अनेक टेक्नोलॉजी मार्केट में पेश कर चुका है। कम्पनी ऑटोमोबाइल इनोवेशन के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
टेस्ला का भारत में आने के लिए प्रयास
टेस्ला भारत के EV मार्केट को बेहतर ढंग से समझती है। भारत में आए दिन EV वाहनों की मांग बढ़ती जा रहे है, इसलिए ही टेस्ला काफी टाइम से भारत में आने के लिए प्रयास कर रही है, और चर्चा में बनी हुई है। लेकिन भारत के उच्च आयात शुल्क के कारण यह अभी तक भारत में प्रवेश नहीं कर सकी। भारत सरकार ने अब कस्टम ड्यूटी घटा दी है। जिससे इसका भारत में आना आसान हो गया है।
भारत पहले 40,000 डॉलर (करीब 34 लाख) से अधिक कीमत वाली कारों पर 110% कस्टम ड्यूटी लगाया जाता था, जो अब घटाकर 70% कर दिया गया है।
चीन के मुकाबले भारत का इलेक्ट्रिक बाजार अभी बहुत ही छोटा है। क्योंकि पिछले साल चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगभग 1.1 करोड़ थी, जबकि भारत में इसकी संख्या लगभग 1 लाख यूनिट ही है। भारत EV व्हीकल मार्केट के क्षेत्र में अभी शुरुआती दौर में ही प्रयास कर रहा है, लेकिन मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल(EV) की मांग काफी बढ़ चुकी है।
भारत सरकार और राज्य सरकार इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल(EV) सेक्टर के विकास के लिए प्रयास कर रही है। सरकार भी EV सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी, जगह-जगह इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग पॉइंट आदि के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है।
इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) क्षेत्र में टेस्ला का योगदान
टेस्ला केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियों का ही निर्माण नहीं करती बल्कि बैटरी इनोवेशन टेक्नोलॉजी, सोलर एनर्जी इनोवेशन आदि के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। कम्पनी के भारत में आने पर ऑटोमोबाइल और ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखे जा सकता है।

पीएम मोदी और एलन मस्क मुलाकात: महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
पीएम मोदी और एलन मस्क के बीच 16 फरवरी को अमेरिका में आपसी मुलाकात के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। कम्पनी का भारत में आने का रास्ता साफ हो गया।
इस बिंदु पर अधिक जानकारी के लिये मेरे ब्लॉग के होम बटन पर जाये जिसमें पीएम मोदी और एलन मस्क के मुलाकात पर एक आर्टिकल लिखा गया है। जिसमें आपको विस्तृत जानकारी मिल जायेगी।
भारत में टेस्ला के लिए अवसर और चुनौतियां
अवसर
- टेस्ला भारत में प्रोडक्शन के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा सकती है। जिससे मैन्युफैक्चरिंगन कास्ट कम होंगी। आम लोगों तक फैसला के कार्य पहुँच सकेंगी।
- सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं सब्सिडी प्रोग्राम और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास इसके लिए मददगार साबित होगी।
- भारत के मार्केट में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है जिससे इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को विस्तार के लिए मदद मिलेगा।
चुनौतियां
- भारत में अभी चार्जिंग स्टेशन बहुत सीमित है चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास की आवश्यकता है।
- उच्च आयात शुल्क कम्पनी के लिए चुनौती का काम करेगा हालांकि शुल्क को अभी काम किया गया है फिर भी शुल्क अभी काफी ज्यादा है।
- आयात शुल्क के कारण भारतीय उपभोक्ताओं के लिए इसकि गाड़ियां काफी महंगी हो सकती हैं।
टेस्ला के भारत में आने से फायदे
टेस्ला का भारत में आना भारतीय ऑटोमोटिव मोबाइल सेक्टर में किसी क्रांति से काम नहीं होगा। सरकार की नीतियों में सब्सिडी का दिया जाना अब मार्केट में किसी वरदान से काम नहीं है। अगर यह भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करती हैं, तो भारत में रोजगार तो बढ़ेगा ही साथ ही इसकी गाड़ियां अधिक किफायती हो जाएंगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था बल मिलेगा।