बेंगलुरु में सोने की तस्करी: अभिनेत्री रान्या राव सोने तस्करी में गिरफ्तारी जाने विस्तार से
बेंगलुरु उन्नत तकनीक उद्योग, विकसित ऑटोमोबिलिटी सेक्टर व सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में विख्यात है, लेकिन हाल ही में कन्नड़ तमिल फिल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रान्या राव सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार हुई, जिसके चलते बेंगलुरु एक बार फिर सुर्खियों में है। इस घटना से यह साफ जाहिर होता है, कि यह किसी एक व्यक्ति द्वारा किया जाने वाला अपराध नहीं बल्कि इसमें पूरी तस्करी गिरोह के संलिप्त होने की आशंका है।

अभिनेत्री रान्या राव की गिरफ्तारी
यह घटना 3 मार्च 2025 सोमवार की रात की है, इसी दिन अभिनेत्री रान्या राव सोने की तस्करी में लिप्त होकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा केम्पेगौड़ा (बेंगलुरु) पहुंचीं, वह दुबई से बेंगलुरु आ रही थीं। पूर्व से ही रान्या राव पर अधिकारियों की नजर व संदेश बना हुआ था। DRI (Directorate of Revenue Intelligence) के अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथ पकड़, हिरासत में लिया जांच के दौरान उनके पास शरीर में बेल्ट के माध्यम से बंधी 14.8 किलोग्राम सोने की छड़ें तथा 800 ग्राम सोने के आभूषण बरामद किए गए जिनका अनुमानित कीमत लगभग 12 करोड रुपए है।
अधिकारियों का मानना है कि वह इस तस्करी नेटवर्क में वह अकेले नहीं शामिल हैं, बल्कि एक बड़े तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो कुछ महीनों से बेंगलुरु हवाई अड्डे से अपने सक्रिय गतिविधियों को अंजाम दे रहें हैं। रान्या राव को 4 मार्च 2025 को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय द्वारा रान्या राव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
रान्या राव कौन है?
रान्या राव एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखती हैं। वह कर्नाटक पुलिस आवास निगम के पुलिस महानिदेशक रामचंद्र राव की सौतेली पुत्री हैं। पुलिस महानिदेशक की बेटी होने के कारण रान्या की पहचान बड़े अधिकारियों व VIP लोगों से बताया जा रहा है। उनके पारिवारिक स्थिति पर भी सवाल उठाया जा रहा हैं। उच्च पदाधिकारी के मिली भगत होने की भी संभावना जाहिर हो रही है, रान्या एक कन्नड़ व तमिल फिल्म अभिनेत्री भी हैं। उन्होंने कई पटकथा और फिल्मों में अभिनय किया, और मुख्य भूमिका भी निभाई है।

तस्करी में पकड़े जाने का कारण
रान्या राव सोने की तस्करी में लगातार दुबई की यात्रा कर रही थी, बार-बार यात्रा व एक अलग पहनावा होने से गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हुई। DRI (Directorate of Revenue Intelligence) के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मात्र कुछ महीनों में वह 10 से ज्यादा यात्राएं दुबई के लिए कर चुकी हैं। हर बार कम समय के लिए ही विदेश जाती और जल्दी ही वापस आ जाती हैं। सोमवार को जब वह दुबई से वापस आ रही थी।
DRI (Directorate of Revenue Intelligence) अधिकारियों ने उन्हें रोक कर जांच किया बेल्ट में छुपी सोना से सभी अधिकारियों का शक यकीन में बदल गया। CC Tv फुटेज चेकिंग में ज्ञात हुआ कि, रान्या ने 15 दिनों में चार बार दुबई की यात्रा की है। हर बार वह एक ही तरह का पोशाक पहनी नजर आई।
रान्या के घर पर छापा
पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए DRI (Directorate of Revenue Intelligence) ने रान्या के बेंगलुरु आवास पर भी छापा मारा जहां 2.67 करोड रुपए नगद के साथ ही 2.06 करोड रुपए की सोने के आभूषण भी बरामद किया गया, इस पूरी कार्रवाई में रान्या से लगभग 12 करोड़ से अधिक की संपत्ति बरामद कर जब्त किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रान्या राव एयरपोर्ट पर चेकिंग से बचने के लिए रान्या उच्च पदाधिकारी, VIP पहचान व सरकारी प्रोटोकॉल सेवा के माध्यम से कड़ी जांच से बचकर बाहर निकल जाती थी।
DGP रामचंद्र राव का बयान हुआ पारिवारिक प्रतिक्रिया
DGP रामचंद्र राव ने बताया कि उनकी बेटी द्वारा आर्किटेक्ट जतिन हुक्केरी से शादी के बाद ही परिवार सें सम्बंध लगभग खत्म ही हो गया है। परिवार का एक दुसरे से कोई संपर्क नहीं था, उन्होंने इस घटना पर काफी निराशा व्यक्त की और कहा की उनकी बेटी पर कानूनी प्रक्रिया से कार्यवाही होगी।
भारत में सोने की तस्करी से बढ़ती समस्या
भारत विश्व में सबसे बड़ा सोने का आयातक व उपभोक्ता है। रान्या राव सोने की तस्करी जैसे कई अपराध भारत तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसका एक कारण भारत सरकार द्वारा सोना आयात पर लगाया गया भारी टैक्स भी हो सकता है।
सोना तस्करी के तरीके
- शरीर में छुपा कर सोना लाना इनका प्रमुख तरीका है
- अलग-अलग वस्तु या समान के माध्यम से छुपा कर लाना
- सुरक्षा जांचो से बचने के लिए अधिकारियों व VIP संपर्क का लाभ उठाना

सरकार के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही
रान्या राव सोने की तस्करी जैसे संगठित अपराध को रोकने के लिए DRI और अन्य एजेंसियां लगातार प्रयास करती आ रही हैं। वह हर संदिग्ध गतिविधि पर निगरानी बनाए हुए हैं, लेकिन ये लोग कुछ लालची भ्रष्ट पदाधिकारी के मिली भगत होने के कारण अपराधी हर नियमों को जान समझ कर तोड़ने का नया तरीका ढूंढ ही लेते हैं, तस्करी जैसे मामलों को अंजाम देते हैं।
निष्कर्ष: भारत में सोने की तस्करी एक संगठित अपराध बन चुका है। रनिया राव के मामले से यह साफ हो चुका है, कि ऐसे मामलों को बड़े पदाधिकारी व वीआईपी अपने पदों का दुरुपयोग कर अपराध को संरक्षण प्रदान करते हैं। आगे या देखना काफी दिलचस्प होगा। की इस हाई प्रोफाइल मामले से तस्करी नेटवर्क पर क्या प्रभाव पड़ता है। कानून एजेंसियां इसको रोकने के लिए क्या कदम उठाती हैं