शेख हसीना की जिंदगी, राजनीतिक सफर और निर्वासन की कहानी। 28 मार्च 2025 को बांग्लादेश पुलिस ने दर्ज किया नया मामला। उनके शासन, विवाद और वापसी की संभावनाओं के बारे में जानें।

शेख हसीना एक ऐसा नाम है जिसकी वजह से आजकल बांग्लादेश की राजनीति काफी विवादों से घिरा हुआ है। शेख हसीना आवामी लीग की नेता व बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हैं। हसीना और उनके परिवार देश के राजनीति में दशकों से अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इनके पिता शेख मुजीबुर रहमान ‘बंगबंधु’ बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के जनक माने जाते हैं। पूर्व में वह भी बांग्लादेश पर शासन कर चुके हैं और उन्हीं के विरासत को आगे बढ़ाते हुए हसीना ने यह उपलब्धि हासिल की और आज शेख हसीना की वजह से बांग्लादेश की राजनीति विवादों में है।

बांग्लादेश में अनेक विवादों के चलते हसीना 31 मार्च 2025 से भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रही हैं। हाल ही में 28 मार्च 2025 को इनके खिलाफ बांग्लादेश में नया आपराधिक मामला दर्ज हुआ है। आइए उनके जीवन, राजनीतिक विवाद और हाल ही के घटनाओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

शेख हसीना का प्रारंभिक और राजनीतिक जीवन

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बांग्लादेश की पूर्व पीएम जीवन, राजनीतिक करियर, विवादों में एक नया मामला दर्ज

शेख हसीना का जन्म तुंगीपाड़ा पूर्वी बंगाल जो अब बांग्लादेश में है, में 28 सितंबर 1947 को हुआ था। इनके पिता शेख मुजीबुर रहमान 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए हुए संघर्ष में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई जिसकी वजह से वह देश के पहले राष्ट्रपति बने लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के चलते 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट हो गया जिसमें शेख मुजीबुर रहमान के अधिकांश परिवार वालों की हत्या कर दी गई। हसीना और उनकी बहन इस हत्याकांड से बच गई क्योंकि उस समय हसीना और उनकी बहन भारत में ही थीं।

इस घटना से हसीना काफी आहत हुई और उनकी जिंदगी में एक अहम मोड़ लिया वर्ष 1975 से 1981 तक शेख हसीना निर्वासित जिंदगी भारत में ही व्यतीत की। फिर 1981 में सारा मामला शांत होने के बाद बांग्लादेश वापस लौटी और अपने पिता की पार्टी अवामी लीग की मुखिया बनी उस समय भी देश में सैन्य शासन ही चल रहा था। उन्होंने देश में लोकतंत्र की मांग के लिए आवाज़ उठाई।अपने संघर्ष और कुशल नेतृत्व के चलते 1996 में हसीना पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी। 2009 से 2024 तक लगातार हसीना की पार्टी आवामी लीग पार्टी का ही सत्ता पर अधिकार बना रहा।

शेख हसीना का शासन उपलब्धियां और विवाद

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शेख हसीना ने अपने शासनकाल में देश के विकास कार्य पर विशेष ध्यान दिया जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, अर्थव्यवस्था को मजबूत करना गरीबों और गरीबी पर विशेष ध्यान, ढाका मेट्रो, रोहिंग्या शरणार्थी जैसे गंभीर मामलों से निपटने आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया और देश को विकास का रास्ता दिखाया। हसीना ने जिस तरह से रोहिंग्या शरणार्थियों के संकट से निपटने में अपना नेतृत्व किया उसे देश-विदेश में सराहा गया। हसीना के समय में देश की जीडीपी वृद्धि दर भी अपने उच्चतम स्तर पर थी जिसके कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था दक्षिण भारत में प्रभावशाली बना हुआ है।

लेकिन जितना शेख हसीना ने विकास कार्य किया उतना ही विपक्षी पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) द्वारा उनके आलोचना भी किया गया। विपक्षी पार्टी द्वारा हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। जिसमें प्रमुख है।

  • प्रेस की आजादी को कुचलना।
  • राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालना।
  • चुनाव में धांधली करवाना।
  • मानवाधिकार संगठन को महत्वहीन करना अपने खिलाफ प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक चुप कराना।

आदि जैसे गंभीर आरोपों के चलते जुलाई अगस्त 2024 में हसीना के खिलाफ काफी हिंसा भड़क गई जिसमें 1400 से अधिक लोग मारे गए हैं। इतनी बड़ी हिंसा को संयुक्त राष्ट्र ने ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ की संज्ञा दी।

2024 का छात्र आंदोलन और हसीना का सत्ता से बेदखल होना।

शेख हसीना के शासन में अहम मोड तो तब आया जब सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन में छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इस आंदोलन ने जल्द ही व्यापक रूप पकड़ लिया। छात्रों के हिंसक प्रदर्शन होने के कारण 5 अगस्त 2024 को हसीना को सत्ता से हटा दिया गया। आंदोलन उनकी पार्टी व सरकार के खिलाफ एक देशव्यापी विद्रोह में बदल गया। जगह-जगह हिंसक झड़प के कारण सैकड़ो लोग मारे जाने की खबर से अत्यंत दुखी होकर हसीना को देश छोड़कर भारत में जाकर शरण लेना पड़ा। उनके देश से बेदखल होने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया जो अभी तक सत्ता पर काबिज हैं।

हसीना का भारत में निर्वासन और ताजा अपडेट

शेख हसीना ने जब से भारत में शरण ली है तब से चर्चा का विषय बनी हुई है। 28 मार्च 2025 को हसीना के खिलाफ एक नया आपराधिक मामला बांग्लादेश पुलिस के द्वारा दर्ज किया गया है। इस मामले में बताया गया कि दिसंबर 2024 में हसीना द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग में हिस्सा लिया गया जिसमें अवामी लीग के लगभग 600 सदस्यों के साथ मिलकर बांग्लादेश में गृह युद्ध छेड़ने और मौजूदा सरकार के खिलाफ साजिश रचने तथा हसीना को सत्ता में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया गया कि देश अंदर और बाहर रह रहे कई क्रांतिकारियों ने संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।

पुलिस प्रवक्ता जसीम उद्दीन खान ने बताया कि अभी 72 लोगों पर चार्ज सीट दाखिल कर दिया गया आगे जांच के दौरान यह संख्या बढ़ भी सकती है। शेख हसीना के खिलाफ पिछले साल हुए प्रदर्शन जिसमें कई सारे प्रदर्शनकारी मारे गए थे आदि के लिए पहले हसीना और उनके कार्यकर्ताओं पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। एक और नया मामला सामने आने के बाद उनके के खिलाफ प्रदर्शन और कार्यवाही तेज हो गई है।

मार्च 2025 में ढाका की एक अदालत ने शेख हसीना और उनका परिवार बेटे साजिब वाजेद जॉय, बेटी समाया वाजेद पुतुल और बहन शेख रहाना की धनमंडी स्थित आवास ‘सुधासदन’ और अन्य संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे चुके हैं। यह आदेश बांग्लादेश के ‘भ्रष्टाचार निरोधक आयोग’ के आवेदन पर दिया गया है।

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शेख हसीना के वापसी की संभावना?

अवामी लीग के उपाध्यक्ष डॉ0 रब्बी आलम ने हाल ही में बताया कि हसीना फिर से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनेगी रब्बी आलम शेख हसीना के काफी करीबी माने जाते हैं, उन्होंने देश में चल रहे मौजूदा स्थिति को एक आतंकी विद्रोह की संज्ञा दी और भारत सरकार व प्रधानमंत्री मोदी को शेख हसीना को सुरक्षित रखने और शरण देने के लिए धन्यवाद भी दिया तथा देश की मौजूदा स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करने की इच्छा भी जताई। बांग्लादेश की मौजूदा सरकार लगातार हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, लेकिन भारत ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है।

बांग्लादेश की जनता का गुस्सा लगातार हसीना के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। फरवरी 2025 में प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की आवास को आग लगा दिया। बांग्लादेश के मौजूदा सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस कहते हैं कि हसीना देश में रहें या ना रहें उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मुकदमा मुकदमे का सामना तो करना ही होगा।

निष्कर्ष

शेख हसीना का राजनीतिक करियर और जिंदगी काफी विवादों से घिरा हुआ है। वह अपने पिता के विरासत को आगे बढ़ाने में जितना सक्षम हुई उतना ही उनकी सत्ता आरोपों से घिरा हुआ है। वह आज भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रही हैं, फिर भी सत्ता में आने का प्रयास कम नहीं हुआ है। 28 मार्च 2025 को एक और नया मामला हसीना के खिलाफ दर्ज हुआ। यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या वाकई में हसीना सत्ता में वापसी कर पाएंगी या वह प्रयास ही करती रहेंगी इसका फैसला आने वाला समय खुद ही करेगा।

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