सुपर ट्रेैक; क्या टूटेगा उसैन बोल्ट का 100 मी विश्व रिकॉर्ड?
‘सुपर ट्रैक’ यह ऐसा शब्द है, जो पूरी दुनिया में छाया हुआ है। यह ऐसा ट्रैक है जिसके माध्यम से बताया जा रहा है, कि माने जाने धावक उसैन बोल्ट जिन्होंने 9.58 सेकंड में 100 मीटर दौड़ का विश्व रिकॉर्ड बनाया हुआ है। इस ट्रैक के माध्यम से उसे रिकॉर्ड को भी तोड़ा जा सकता है। आइए इस सुपर ट्रैक के बारे में चर्चा करते हैं, कि कैसे यह खेल जगत में बदलाव ला सकता है।

सुपर ट्रैक क्या है?
डेरेन कैंपबेल जो पूर्व ब्रिटिश ओलंपियन है और कैंब्रिज के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस रनिंग ट्रैक का डिजाइन किया है, जो एथलीटों को तेज दौड़ने में मदद करती है और उनकी अधिकतम ऊर्जा से 20% कम ऊर्जा का खपत करती है। माना जा रहा है कि 100 मीटर की दौड़ सुपर ट्रैक के माध्यम से 9 सेकंड से भी कम समय में पूरा किया जा सकता है। इसमें कई सारे सेंसर लगे हुए हैं जो रियल टाइम डेटा प्रदान करता हैं, रियल टाइम डेटा खिलाड़ियों व कोच के लिए काफी उपयोगी साबित होता है।
यह कैसे काम करता है?
सुपर ट्रेक एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो धावकों को तेजी से दौड़ने में मदद करता है तथा शरीर से लगने वाले ऊर्जा के प्रभाव को भी कम करता है। कई सारे परीक्षण के माध्यम से देखा गया है कि यह एथलीटों को दौड़ते समय आगे की तरफ उछाल प्रदान करता है। इसलिए धावक कम मेहनत में ज्यादा रफ्तार पकड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि भविष्य में ऐसे प्लेटफार्म व तकनीक एथलेटिक्स के क्षेत्र में क्रांति से काम नहीं हैं।
हुसैन बोल्ट के रिकॉर्ड पर खतरा
उसैन बोल्ट का दौड़ में 100 मी का रिकॉर्ड जो उन्होंने 9.58 सेकंड पूरा किया था पिछले 16 वर्षों से अभी तक कोई तोड़ नहीं पाया है लेकिन इस नए प्लेटफार्म सुपर ट्रैक के आ जाने से विशेषज्ञों का मानना है कि यह रिकॉर्ड भी आसानी से टूट सकता है। क्योंकि इस ट्रैक पर एथलेटिक्स के नए खिलाड़ी द्वारा अधिक दक्षता का प्रदर्शन किया जा सकेगा।
उसैन बोल्ट 100 मीटर दौड़ चैंपियन

इस सुपर ट्रेक के बारे में समझने से पहले हमें 100 मी दौड़ में महारत हासिल कर चुके उसैन बोल्ट के बारे में भी जान लेना चाहिए। उसैन बोल्ट जमैका के धावक हैं जिन्हें उनकी रनिंग स्पीड के कारण ‘लाइटनिंग बोल्ट’ के नाम से भी जाना जाता है। उनके एथलेटिक्स में 100 मीटर दौड़ का विश्व रिकॉर्ड 16 वर्षों से आज तक कोई तोड़ नहीं पाया। उन्होंने एथलेटिक्स के क्षेत्र में दुनिया के इतिहास को ही बदल दिया।
बोल्ट का जन्म 21 अगस्त 1986 को शेरवुड कंटेंट (जमैका) में हुआ था। वह अपनी रफ्तार और शारीरिक दक्षता के लिए पूरी दुनिया से अपना लोहा मनवा चुके हैं। 100 मीटर दौड़ और 200 मीटर दौड़ में कई स्वर्ण पदक भी अपने नाम कर चुके हैं। दर्शकों द्वारा इन्हें काफी पसंद किया जाता है।
उसैन बोल्ट ने बर्लिन में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (16 अगस्त 2009) में 100 मीटर दौड़ को 9.58 सेकंड में पूरा करके विश्व रिकॉर्ड बनाया, यह रिकॉर्ड आज तक कोई भी एथलेटिक्स खिड़की तोड़ नहीं सका इसके अलावा उन्होंने 20 अगस्त 2009 बर्लिन में ही 200 मी रनिंग को 19.19 सेकंड में पूरा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। बोल्ट का नाम ओलंपिक पदक श्रेणी में सबसे ऊपर है, उन्होंने बीजिंग ओलंपिक(2008), लंदन ओलंपिक(2012), रियो ओलंपिक(2016) मैं अपने अद्भुत पूर्व प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए 100 मीटर और 200 मीटर के दौड़ के स्वर्ण पदक विजेता भी रहे हैं।

खेल जगत में सुपर ट्रैक प्लेटफार्म का महत्व
बताया जा रहा है कि यह नया रनिंग ट्रैक एथलीट को दौड़ में तो मदद करेगा ही साथ ही दर्शकों का रोमांच भी दुगना हो जाएगा। रियल टाइम डाटा दौड़ में अनुभव और रोमांच को काफी बढ़ा देगा, साथ ही खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी बेहतर होगा, चोट लगने का खतरा भी काम हो जाएगा।
निष्कर्ष
‘सुपर ट्रैक’ प्लेटफार्म एथलेटिक्स और तकनीक के क्षेत्र में एक शानदार प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफार्म के माध्यम से महान धावक उसैन बोल्ट जैसे एथलेटिक्स के बादशाह के रिकॉर्ड को भी चुनौती दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि 100 मी० की दौड़ 9 सेकंड से भी काम समय में पूरा किया जा सकता है। इस ट्रैक के माध्यम से रिकॉर्ड तो टूटेगा ही बल्कि खेल को और सुरक्षित, रोमांचकारी बनाया जा सकता है।
जिन लोग खेल को पसंद करते हैं। वह इस नई तकनीक में रुचि रख सकते हैं और इस सुपर ट्रैक से जुड़ी खबर पर नजर बनाए रख सकते हैं। क्या आपको लगता है कि इस सुपर ट्रैक के माध्यम से उसैन बोल्ट का रिकॉर्ड टूट सकता है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि सभी इस ट्रैक के बारे में जान सके।