
Manipur CM Biren Singh (मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह) 9 फरवरी 2025 दिन रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया उन्होंने हम सांसें मुलाकात कर इंफाल लौटने के बाद मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना स्तीफा सौंप दिया है राज्यपाल ने जब तक कोई वैकल्पिक नहीं होता है। तब तक एन. बीरेन सिंह पद पर बने रहना का अनुरोध किया।
बताया जा रहा है कि Manipur CM Biren Singh ने राज्य में चल रहे कुकी और मैं मैतेई समुदायों के बीच लगभग दो वर्ष से जारी जातीय हिंसा के कारण यह फैसला लिया गया है। ध्यान देने की बात यह है कि इस हिंसा में लगभग 60,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़ कर लें और अपना कहीं और निवास करने पर मजबूर हुए और होए और 250 से अधिक लोग इस हिंसा में मारे गए।
मुख्यमंत्री के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के लिए जांच के आदेश भी दिए थे जिसमें, कुकी समुदाय के लिए हिंसा का साजिश के लिए ऑडियो को सुनाई दिया है।
इस्तीफा देने से पहले मणिपुर के आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा के लिये एक वर्चुअल बैठक की गई जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने की बैठक में सलाहकार के रूप में कुलदीप सिंह को भी शामिल किया गया है। इस बैठक में सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रहने को और सतर्क दृष्टि बनाते रखने के निर्देश दिए गए साथ ही मैतेई विद्रोहियों की घुसपैठ रोकने के लिए व महिलाओं के विद्रोह विरोध प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए व पहाड़ियों में कुकी जो विद्रोह समूह की गतिविधियों में शामिल रहते हैं, उनकी सतर्क निगरानी के लिये निर्देश जारी किए गए।

Manipur CM Biren Singh के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिये पहल......
Manipur CM Biren Singh (मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह) के खिलाफ कांग्रेस विधायकों के द्वारा सोमवार को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने का भी अनुमान लगाया जा रहा था। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इसलिए ही बीरेन सिंह हवाई यात्रा से पांच अन्य लोगों के साथ शनिवार की रात को नई दिल्ली पहुँचें और रविवार दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुख्यमंत्री जी द्वारा मुलाकात की गई और फिर वीरेन्द्र सिंह ने इम्फाल लौटकर अपना स्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लगभग दो वर्षों तक, भाजपा शासित राज्य Manipur CM Biren Singh ने मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में हिंसा, जानमाल की हानि और भारत के विचार के विनाश के बावजूद उन्हें पद पर बने रहने दिया।
राहुल गांधी जी ने यह भी कहा कि Manipur CM Biren Singh का इस्तीफा दर्शाता है कि जनता का बढ़ता दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव ने उन्हें जवाबदेह बनाया। लेकिन सबसे जरूरी प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करना और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने के लिए काम करना है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से तुरंत मणिपुर का दौरा करने, लोगों की बात सुनने और सामान्य स्थिति वापस लाने की अपनी योजना के बारे में बताने का आग्रह किया।
अपने त्यागपत्र में Manipur CM Biren Singh ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया और हुए मणिपुर की एकता को बचाने का निवेदन किया। उन्होंने फ्री मूवमेंट रिज्यूम (एफएमआर) की सख्त, फूल-प्रूफ संशोधित व्यवस्था को जारी रखने के अपने लक्ष्यों में सीमा पर घुसपैठ पर नकेल कसने, अवैध प्रवासियों के निर्वासन की नीति बनाने, ड्रग्स और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने और बायो मैट्रिक को सख्ती से लागू करने शामिल हैं।

मुख्यमंत्री बीरेंद्र सिंह का जन्म मणिपुर इम्फाल में 1 जनवरी 1961 को हुआ था। मणिपुर से उन्होंने स्नातक की शिक्षा मणिपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त के किया। इनका पूरा नाम नोंगथोम्बम बीरेन सिंह है। भारतीय राजनीति में भी इनकी अहम भूमिका हैं, जो 2017 से 2025 तक मणिपुर के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्य का निर्वहन कर चूके हैं। सबसे पहले राजनीति में वह 2002 हेनगांग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने खेल में अपने करियर की शुरुआत बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) में रहते हुए भारतीय फुटबाल टीम से किया। घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे तथा 1981 में वह डूरंड कप के हिस्सा बी रहे थे, जिसमें उनकी टीम डूरंड कप विजेता भी रही थी। वह संतोष ट्राफी मणिपुर के लिए भी खेल चूके हैं।
सीमा सुरक्षा सदन में बल में अपनी सेवा देने के बाद उन्होंने ‘नाहरोलगी थौडांग‘ दैनिक समाचार पत्र की शुरुआत 1992 में कि और 2001 तक इसके संपादक बने रहे।
Manipur CM Biren Singh राजनीतिक जीवन कॉल
एन बीरेन सिंह एक कार्यकर्ता के रूप में डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी में 2002 में शामिल हुए तथा 2002 में ही जनता ने उनको विधायक चुन लिया। 2003 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। 2007 से 2012 तक फिर से कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गये। 2016 में वह कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी (भाजपा) में शामिल हो गए। 2017 में वह एक बार फिर से हेनगांग विधानसभा से चुनाव जीत गये और इस बार उन्हें मणिपुर का मुख्यमंत्री बनाया गया। दूसरे कार्यकाल के लिए 2022 में उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुना गया। वे राज्य सरकार में खेल एवं युवा मामलों के मंत्री भी रह चूके हैं।
9 फरवरी 2025 को कुकी और मैं मैतेई विद्रोह जो लगभग 21 महीनों से चल रहा है, के चलते मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह अपना इस्तीफा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को सौंप दिया।
Manipur CM Biren Singh का व्यक्तिगत जीवन
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह जीवनकाल में दो पत्नियां SS ओलिस और हेयैनु देवी रही हैं, जिनसे उनकी एक बेटी और दो बेटे है जिनका नाम सिंह अंजूबाला व बेटे अजय मैतेई, और गौरो सिंह है। उनके दामाद राजकुमार भी विधायक हैं।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने अपने जीवनकाल खेल, राजनीति और पत्रकारिता तीनों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।