अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में Aathvan vetan Aayog के गठन का फैसला लिया गया।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशनधारियों के भत्तों में संशोधन के लिए Aathvan vetan Aayog के गठन को मंजूरी दी। आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।
Aathvan vetan Aayog के गठन से केंद्र सरकार के करीब 65 लाख पेंशनरो और 49 लाख से अधिक कर्मचारी को फायदा मिलेगा हैं।
केंद्र सरकार प्रत्येक 10 वर्ष में अपने कर्मचारियों के लिये वेतन ढांचे में संशोधन करने के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है।

Aathvan vetan Aayog के गठन से केंद्र सरकार के करीब 65 लाख पेंशनरो और 49 लाख से अधिक कर्मचारी को फायदा मिलेगा हैं।
8th Pay Commission (आठवा वेतन आयोग)
मनमोहन सरकार में 1 जनवरी 2014 को सातवे वेतन आयोग का गठन किया गया था। इसके दो साल बाद मोदी सरकार में सातवा वेतन आयोग लागू कर दिया गया।
अब कैबिनेट की बैठक में Aathvan vetan Aayog के गठन की मंजूरी मिल गई है जल्द ही सरकार Aathvan vetan Aayog का गठन कर सकती है। इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी और पेंशन काफी बदलाव आयेगा।
वेतन आयोग (Pay Commission)
भारत सरकार द्वारा गठित एक निकाय है, जो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, रक्षा सेवाओं और पेंशनरो के वेतन, भत्तों और अन्य सेवा शर्तों की समीक्षा और सिफारिश करता है।
वेतन आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की जीवन-यापन की स्थितियों और उनकी कार्यक्षमता में सुधार करना होता है। यह आयोग 1946 से ही हर 10 वर्ष के अंतराल पर गठित किया जाता है और इसकी सिफारिश के आधार पर भारत सरकार द्वारा नए वेतनमान लागू किया जाता है।
वेतन आयोग के कार्य
- वेतन आयोग का कार्य केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान की समीक्षा और संशोधन करना तथा वेतन ढांचा तैयार करना है।
- वेतन आयोग महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, आवास भत्ता आदि भत्ते के लिये भी समीक्षा करता है
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और उससे संबंधित लाभों की समीक्षा करता है।
4. वेतन आयोग न्यूनतम वेतन स्तर तय करता है ताकि कर्मचारी को जीवन-यापन के लिए आवश्यक धन मिल सके।
वेतन आयोग का प्रभाव
वेतन आयोग के गठन से देश के आर्थिक और सामाजिक संरचना पर भी विशेष प्रभाव पड़ता है। वेतन आयोग न केवल सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि इससे देश की इसके माध्यम से सरकारी क्षेत्र की उत्पादकता और कार्यक्षमता को बढ़ावा दिया जाता है।
7th Pay Commission 7वा वेतन आयोग क्या है?
सातवे वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री सिंह मनमोहन के द्वारा फरवरी, 2014 को किया गया था। आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को रिपोर्ट पेश किया और मोदी सरकार ने 1 जनवरी, 2016 को आयोग की सिफारिशों को लागू किया था।
7वा वेतन आयोग की सिफारिश 2016 में लागू की गई थी और ये 2026 तक प्रभावी रहेगा।
न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह किया गया था।
न्यूनतम पेंशन भी ₹3,500 से बढ़कर ₹9,000 हो गई थी।
अधिकतम वेतन ₹90,000 प्रति माह से बढ़कर ₹2,50,000 प्रति माह (कैबिनेट सचिव के लिए) तय किया गया था।
सातवे वेतन आयोग में कुल भत्तों की संख्या जो उस समय 196 थी उसको घटाकर 37 किया गया , जिसमें कई भत्तों को मिला दिया गया। जो कर्मचारियों की महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है यानि यात्रा भत्ता (TA) और आवास भत्ता (HRA) आदि में वृद्धि किया गया था। मिल रहे पुराने DA को नए ढांचे के अनुसार समायोजित किया गया और फिर इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है।
Aathvan vetan Aayog के दिये गये सुक्षाव से यह अपेक्षा होगी की सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में सुधार हो। आयोग कर्मचारियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ सरकारी तंत्र की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक साबित हो।