डोनाल्ड टंप के खास सहयोगी भारतीय मूल के काश पटेल (kash patel) FBI निदेशक पद पर नियुक्त

अमेरिकी सीनेट ने डोनाल्ड ट्रंप के खास सहयोगी रहे काश पटेल (kash patel) को गुरुवार को संघीय जांच ब्यूरो FBI (Federal Bureau of Investigation) के नए निदेशक के पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया। यह एजेंसी काफी समय से राजनीतिक विवाद में फंसी हुई है। एफबीआई के इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति से FBI के पारदर्शी नेतृत्व की संभावनाएं हैं।
सीनेट द्वारा FBI निदेशक पद पर मंजूरी की प्रक्रिया
सीनेट में बाइडन की डेमोक्रेट्स पार्टी ने काश पटेल (kash patel) के भविष्य में FBI से संबंधित फैसलों में को लेकर चिंता व्यक्त किया। बहुमत में रहने के बावजूद भी ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने काश पटेल (kash patel) को एफबीआई के निदेशक बनाए जाने पर आपसी बहस हुई। यहां तक के ट्रंप की पार्टी के सीनेटर सुसान कॉलिन्स ने भी काश पटेल (kash patel) का विरोध किया और उनके खिलाफ मतदान किया। कॉलिन्स ने इस पद के लिए एक गैर राजनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया।

काश पटेल का भारत से संबंध और महत्वपूर्ण तथ्य
काश पटेल (kash patel) के माता-पिता गुजरात राज्य से संबंधित थे इसलिए ही उनका लगाव भारत से अत्यधिक बना रहा उनका पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। उनके माता-पिता पहले भारत के गुजरात राज्य के निवासी थे। बाद भारत से अफ्रीका चले गए। अफ्रीका के बाद प्रवासी के तौर पर अमेरिका चले गए। अमेरिका के न्यूयॉर्क में ही लॉन्ग आईलैंड पर 1980 में काश पटेल (kash patel) का जन्म हुआ।
पटेल भले ही अमेरिका में पैदा हुए लेकिन भारतीयों के लिए उनके दिल में हमेशा सम्मान और स्थान बना रहा है। उनका भारतीय संस्कार और धार्मिक हितों के समर्थक है। वह कई बार भारत की यात्रा भी कर चुके हैं। उनका भारतीय अमेरिकी होना व भारत के प्रति लगाव विनम्र भाव होना भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। आतंक विरोधी सहयोग तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर दोनों देश मिलकर काम करेंगे।

FBI (Federal Bureau of Investigation) में विवाद, नेतृत्व परिवर्तन
ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आते हैं ट्रंप प्रशासन द्वारा एफबीआई के आठ वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा देने या बर्खास्त कर देने का निर्देश दिया गया था। इन विवादों के समय में ही काश पटेल की FBI निदेशक पद पर हुई है। जिससे के नेतृत्व में पटेल पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
काश पटेल (kash patel): निष्पक्ष काम की गारंटी
पटेल ने अपने प्रति रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स पार्टी के प्रतिरोध को देखते हुए यह स्पष्ट किया कि वह FBI में अपने पद पर रहते हुए अपने कार्यों का निर्वहन निष्पक्ष करेंगे। और किसी भी राजनीतिक प्रतिरोध भावना से काम नहीं करेंगे। पटेल ने बताया कि हर एफबीआई अधिकारी के साथ एक समान व्यवहार किया जाएगा और किसी भी अधिकारी को केश असाइनमेंट के आधार पर बर्खास्त नहीं किया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व में बयान दिया था कि, 6 जनवरी के मामले की जांच करने वाले FBI के संबंधित अधिकारियों को बर्खास्त किया जाएगा, से अधिकारी डरे हुए हैं।

डेमोक्रेट्स पार्टी की जांच की मांग
काश पटेल ने बताया कि FBI अधिकारियों को बर्खास्त करने के लिए जो कार्य योजना बनाई गई थी उसके बारे में पटेल को कोई जानकारी नहीं थी। इसी बात पर डेमोक्रेट्स पार्टी के नेता डिक डर्विन ने आंतरिक निरीक्षक(न्याय विभाग ) से मांग किया कि इस विषय में जांच किया जाए की सरकारी पद ग्रहण करने के पूर्व जो FBI अधिकारियों को हटाने वाली कार्य योजना में पटेल शामिल थे या नहीं।
डेमोक्रेट्स ने पटेल के नामांकन के दौरान पटेल पर झूठी गवाही देने का भी आरोप लगाया।
FBI निदेशक के रूप में किसी भारतीय मूल के व्यक्ति का होना भारतीयों के लिए भी गर्व का विषय है। उनकी नियुक्ति से भारत और अमेरिका की राजनीतिक रिश्ते को मजबूती मिलेगी। इस पद पर नियुक्ति से काश पटेल FBI में अपने महत्वपूर्ण भूमिका को निभाएंगे और भविष्य में निष्पक्षता से महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लेंगे।