Lakshya Sen vivad: लक्ष्य सेन भारत के स्टार युवा बैडमिंटन खिलाड़ी गंभीर विवाद में फंसे हुए हैं। लक्ष्य सेन की उम्र को छुपाने को लेकर Lakshya Sen और उनके पूरे परिवार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। यह मामला 2022 से ही चल रहा है, लेकिन हाल ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय के द्वारा लक्ष्य सेन की याचिका खारिज करने के बाद मामला और भी गंभीर हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। आइए Lakshya Sen vivad से जुड़े पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

Lakshya Sen, व उनकी क्या उपलब्धियां
- 2018: एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा साबित की
- 2019: सारलॉरक्स ओपन और डच ओपन जैसे कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीते।
- 2021: विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर वैश्विक मंच पर पहचान बनाई।
- 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
- 2023: थॉमस कप जीतने वाली भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे।
Lakshya Sen का उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 16 अगस्त 2001 को एक प्रसिद्ध बैडमिंटन कोच धीरेंद्र सेन के घर पैदा हुए, अपने पिता के मार्गदर्शन में ही उन्होंने अपने बैडमिंटन करियर की शुरुआत की और आज वह भारत के माने जाने बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं।
प्रमुख उपलब्धियां
Lakshya Sen ने अपने बेहतरीन तकनीक से अपने छोटे से कैरियर में बड़े-बड़े खिलाड़ियों को मात दे चुके है। आज उनका भारतीय बैडमिंटन में एक महत्वपूर्ण स्थान और नाम बना हुआ है।
Lakshya Sen ने अपने बेहतरीन तकनीक से अपने छोटे से कैरियर में बड़े-बड़े खिलाड़ियों को मात दे चुके है। आज उनका भारतीय बैडमिंटन में एक महत्वपूर्ण स्थान और नाम बना हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
लक्ष्य सेन उनके पिता धीरेंद्र सेन, मां निर्मला सेन, भाई चिराग सेन तथा कोच यू विमल कुमार पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उम्र को लेकर प्रमाण पत्र के तथ्य छुपाए व प्रमाण पत्र की हेरा फेरी की है। आरोप लगाया गया कि जूनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लेने के लिए लक्ष्य सेन और उनके भाई के उम्र के बीच ढाई वर्ष के उम्र को कम कर दिया गया है।

शिकायत किसने की?
नागराजा एमजी नामक व्यक्ति के शिकायत पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के निर्देश पर दिसंबर 2022 इस मामले में FIR (मुक़दमा) पंजीकृत पंजीकृत किया गया।
क्या सबूत पेश किए गए?
शिकायतकर्ता नागराजा ने RTI (सूचना का अधिकार) आवेदन से जो दस्तावेज प्राप्त हुए उसे सबूत के तौर पर पेश किया। इस मामले की जांच युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा भी की गई मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर, लक्ष्य सेन के पिता पर जन्म प्रमाण पत्र के हेरा फेरी के संबंध में सबूत मिलने की पुष्टि की।
लक्ष्य सेन ने अपने पक्ष में क्या कहा
लक्ष्य सेन और उनके परिवार वालों ने बताया कि आरोप में कोई सत्यता नहीं है, उन्होंने बताया कि नाग राजा अपने व्यक्तिगत कारण की वजह से बिना किसी ठोस सबूत के यह आरोप लगा रहे हैं। उनके नाराज होने का कारण 2020 में प्रकाश पदुकोण बैडमिंटन अकादमी में उनकी बेटी का प्रवेश न पाना था। लक्ष्य सेन के परिवार वालों ने कहा की उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप बे बुनियाद व निराधार है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला
नाग राजा के साक्ष्य को पर्याप्त मानते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने प्राथमिक जांच जारी रखने का आदेश दिया इस फैसले से मामला काफी गंभीर हो गया और विवाद भी बढ़ गया।

कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा फैसला दिए जाने के बाद लक्ष्य सेन व उनकी फैमिली द्वारा सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यह मामला लक्ष्य सेन का करियर को भी प्रभावित कर सकता है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट मैं यह मामला चल रहा है, लेकिन भविष्य में इस मामले पर सुनवाई होने की संभावना है।
लक्ष्य सेन और उनके भाई चिराग सेन इस कानूनी लड़ाई के चलते अपने करियर से कोई समझौता नहीं करना चाहते। वह भविष्य में होने वाले बैडमिंटन टूर्नामेंट वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
लक्ष्य सेन विवाद पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। सुपर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लक्ष्य व पूरे परिवार को कुछ समय के लिए तो राहत मिल गई है, लेकिन यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है यह देखने का विषय होगा क्योंकि अभी यह मामला पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है बस होल्ड है।